हरिद्वार : देवभूमि उत्तराखंड

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हरिद्वार: हरि का द्वार अर्थात् भगवान का द्वार !   दोस्तों मेरा ये सफर हरिद्वार का था फिर आगे ऋषिकेश का ।  इस कड़ी में आप को हरिद्वार से रूबरू करवाते हैं। आप का कीमती  समय बर्बाद ना करते हुए चलिए सफर की शुरुआत आप के शहर से  करते हैं।       आप जिस भी शहर से आते हो यहाॅ आने के लिए सीधा या अल्टरनेट रुप से रेल की सुविधा है की नहीं ये देख लें। यदि  आप हवाई सफर का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो फिर दिल्ली या  देहरादून आ सकते हैं और फिर वहां से यहां आ सकते हैं। यहां आने  के बाद आपको रहने के लिए कम बजट में आश्रम मिल जायेगा  जिसमें आपको एक कमरा उपलब्ध कराया जाएगा। ज्यादा बजट  में होटल की भी सुविधा है । आप अपने बजट के अनुसार ठहर  सकते हैं। ऑनलाइन गूगल मैप से भी अपने नजदीकी आश्रम और  होटल वालों से संपर्क कर सकते हैं।         यहां आने के बाद आपको यहां के प्रसिद्ध स्थल हर की पौड़ी आना होगा। यहां आने के लिए आपको रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड दोनों  जगह से आटो की सुविधा मिल जायेगा। आप यहां  • गंगा स्नान...

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प्रेमचंद द्वारा रचित गोदान आज भी भारतीय किसान की दुर्दशा और समस्या को उजागर करती है। होरी- धनिया की समस्या आज भी भारतीय  किसान की समस्या बनी हुई हैं।आजादी के 70 वर्ष बाद भी अंतर यह है कि होरी साहुकार के कर्ज तले दबा हैं वही वर्तमान के संदर्भ में देखे तो कुछ किसान जो शिक्षित नहीं है या छोटे किसान हैं वो साहुकार के कर्जदार हैं । वही  मझोले और बड़े किसान बैकों के कर्ज (लोन) से दबे हैं।

उपन्यास - गोदान
लेखक : प्रेमचंद
मुख्य पात्र : होरी ,धनिया




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