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हरिद्वार : देवभूमि उत्तराखंड

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हरिद्वार: हरि का द्वार अर्थात् भगवान का द्वार !   दोस्तों मेरा ये सफर हरिद्वार का था फिर आगे ऋषिकेश का ।  इस कड़ी में आप को हरिद्वार से रूबरू करवाते हैं। आप का कीमती  समय बर्बाद ना करते हुए चलिए सफर की शुरुआत आप के शहर से  करते हैं।       आप जिस भी शहर से आते हो यहाॅ आने के लिए सीधा या अल्टरनेट रुप से रेल की सुविधा है की नहीं ये देख लें। यदि  आप हवाई सफर का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो फिर दिल्ली या  देहरादून आ सकते हैं और फिर वहां से यहां आ सकते हैं। यहां आने  के बाद आपको रहने के लिए कम बजट में आश्रम मिल जायेगा  जिसमें आपको एक कमरा उपलब्ध कराया जाएगा। ज्यादा बजट  में होटल की भी सुविधा है । आप अपने बजट के अनुसार ठहर  सकते हैं। ऑनलाइन गूगल मैप से भी अपने नजदीकी आश्रम और  होटल वालों से संपर्क कर सकते हैं।         यहां आने के बाद आपको यहां के प्रसिद्ध स्थल हर की पौड़ी आना होगा। यहां आने के लिए आपको रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड दोनों  जगह से आटो की सुविधा मिल जायेगा। आप यहां  • गंगा स्नान कर सकते हैं।  • सायंकाल गंगा आरती देख सकते हैं। नोट : गंगा घाट स्थल को साफ रखने की जिम्मेदारी पर्यटक की  भी

अलविदा 2017 और स्वागत 2018

2017 को भुल नहीं पायेंगे क्योंकि यह साल दुःख और खुशी दोनों से भरा था लेकिन खुशी ज्यादा और दुख कम फिर भी जिंदगी में दुख नहीं हो तो खुशी का मजा कहाँ । सुख और दुख यह जिंदगी के दो पहलू हैं । यह हमें जिंदगी जिना सिखाता हैं और हमें जितना सिखाता हैं ।              यह साल हमें एक नया आयाम और नई सोच दे गया । इसके लिए मैं इसका अभारी हूँ । यह हमें आनेवाले 2018 के लिए एक नई जोश और उमंग देकर जा रहा हैं ।           यह साल हमारे लिए खास इसलिए रहा की इस साल सितम्बर माह में हमने अपने ब्लॉग की शुरूआत की जो आप सभी के बीच हैं ।    हमने तीन - चार कहानियाँ लिखी जिसमें से एक कहानी ' डिजिटल गर्लफेंड ' प्रतिलिपि में प्रकाशित हुई जो खास लोकप्रिय रही क्योंकि एक माह में 4000 + से भी ज्यादा पाठकों द्वारा पढ़ा गया और टाँप टेन कहानियों में सेलेक्ट हुई । आप यदि इस कहानी को पढ़ना चाहते हैं तो हमारे ब्लॉग , प्रतिलिपि या Google में खोज सकते है ।             यह साल आनेवाले 2018 साल के स्वागत के लिए हमें जोश और साहस देकर जा रहा कि आनेवाले साल में दुख और सुख का सामना डट कर करना हैं ।                    

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