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हरिद्वार : देवभूमि उत्तराखंड

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हरिद्वार: हरि का द्वार अर्थात् भगवान का द्वार !   दोस्तों मेरा ये सफर हरिद्वार का था फिर आगे ऋषिकेश का ।  इस कड़ी में आप को हरिद्वार से रूबरू करवाते हैं। आप का कीमती  समय बर्बाद ना करते हुए चलिए सफर की शुरुआत आप के शहर से  करते हैं।       आप जिस भी शहर से आते हो यहाॅ आने के लिए सीधा या अल्टरनेट रुप से रेल की सुविधा है की नहीं ये देख लें। यदि  आप हवाई सफर का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो फिर दिल्ली या  देहरादून आ सकते हैं और फिर वहां से यहां आ सकते हैं। यहां आने  के बाद आपको रहने के लिए कम बजट में आश्रम मिल जायेगा  जिसमें आपको एक कमरा उपलब्ध कराया जाएगा। ज्यादा बजट  में होटल की भी सुविधा है । आप अपने बजट के अनुसार ठहर  सकते हैं। ऑनलाइन गूगल मैप से भी अपने नजदीकी आश्रम और  होटल वालों से संपर्क कर सकते हैं।         यहां आने के बाद आपको यहां के प्रसिद्ध स्थल हर की पौड़ी आना होगा। यहां आने के लिए आपको रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड दोनों  जगह से आटो की सुविधा मिल जायेगा। आप यहां  • गंगा स्नान कर सकते हैं।  • सायंकाल गंगा आरती देख सकते हैं। नोट : गंगा घाट स्थल को साफ रखने की जिम्मेदारी पर्यटक की  भी

कैंपस ड्राइव – 2 " ए ड्रीम आँफ लवर्स "

              काँलेज पहुंच कर हम और  मालनीे कैम्पस बाद पार्क मेँ मिले । मालनी मुझे ऐसे देख रही थी मानो उसे कुछ चाहत नहीं हैं ऐसा लग रहा था मानो एकतरफा प्यार है । स्वभाव की इतनी सरल थी कि उससे बाते करने के बाद पता भी नहीं लगता की मुझसे प्यार करती हैं कि नहीं । स्कूल वाली वह मोहब्बत शायद काँलेज मेँ कम हो जाती हैं या कहें तो हमारी मोहब्बत काँलेज में आकर बदल जाती हैं ।                  उसकी निगाहें मुझसे प्यार करती हैं लेकिन मुझे शायद कभी दिखा नहीं या हमने एकतरफा समझ कर उस दिन तक चुप रहा था लेकिन उस दिन मैं चुप नहीं रह सकता था क्योंकि उस दिन चुप रहता तो आज मालनी मेरे साथ नहीं रहती ।             वह दिन आज भी मुझे याद हैं मैं मालनी के निगाहों मेँ देखने लगा और कब मालनी के निगाहों में खो गया मुझे पता भी नहीं लगा तभी उसने मुझे प्यार से एक थप्पड़ जड दी । तभी मैं सपनों के दुनिया से बाहर आया उसकी मिठ्ठी आवाज मेरे कानों में पड़ी । वह आवाज लगा रही थी यश कुछ बोलोगे की बैठे रहोगे फिर मैं सपनों के दुनिया से हकीकत के दुनिया मे आया । बोला क्या हुआ यार ? एक बात सोच रहा था । मालनी - मैंने तु

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किसानों के बिना न्यू इंडिया का सपना अधूरा है ।