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💔 रिश्ते: प्रेम, भय और आज की युवा सोच

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हाल ही में  एक राज्य में हुई  घटना और नीली ड्रम का प्रकरण पुरुषों के बीच शादी को लेकर एक गहरा डर और असुरक्षा का भाव उत्पन्न कर रहा है। इसने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है कि — क्या हम सच में अपनी युवा पीढ़ी को नहीं समझ पा रहे हैं, या समझ कर भी अनदेखा कर रहे हैं? हम आज भी उस पुरानी रुढ़िवादी सोच को अपने दिमाग से निकाल नहीं पाए हैं। सिर्फ समाज में अपनी खोखली छवि बनाए रखने के लिए हम वास्तविकता से आंखें मूंद लेते हैं। अगर हम मानते हैं कि युवा पीढ़ी को प्रेम और रिश्तों की समझ नहीं है, तो क्या यह हमारी जिम्मेदारी नहीं बनती कि हम उन्हें समझाएँ? "प्रेम त्याग और समर्पण है। यदि तुममें यह भावना है, तो प्रेम करो। यदि नहीं है, तो जिससे प्रेम करते हो, उसी से विवाह  करो।" अब यहाँ एक और बात समझने की है — क्या तुम कानूनी रूप से 18 और 21 वर्ष के हो? क्या तुम्हें सही और गलत की समझ है? क्या तुम जीवन को तार्किक रूप से समझने लगे हो? यदि हाँ, तो भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 तुम्हें यह मौलिक अधिकार देता है कि तुम अपनी पसंद से शादी कर सको। यदि कोई इसमें बाधा डालता है, तो तुम प्रशासन से अपनी सुरक...

कैंपस ड्राइव – 2 " ए ड्रीम आँफ लवर्स "

              काँलेज पहुंच कर हम और  मालनीे कैम्पस बाद पार्क मेँ मिले । मालनी मुझे ऐसे देख रही थी मानो उसे कुछ चाहत नहीं हैं ऐसा लग रहा था मानो एकतरफा प्यार है । स्वभाव की इतनी सरल थी कि उससे बाते करने के बाद पता भी नहीं लगता की मुझसे प्यार करती हैं कि नहीं । स्कूल वाली वह मोहब्बत शायद काँलेज मेँ कम हो जाती हैं या कहें तो हमारी मोहब्बत काँलेज में आकर बदल जाती हैं ।                  उसकी निगाहें मुझसे प्यार करती हैं लेकिन मुझे शायद कभी दिखा नहीं या हमने एकतरफा समझ कर उस दिन तक चुप रहा था लेकिन उस दिन मैं चुप नहीं रह सकता था क्योंकि उस दिन चुप रहता तो आज मालनी मेरे साथ नहीं रहती ।             वह दिन आज भी मुझे याद हैं मैं मालनी के निगाहों मेँ देखने लगा और कब मालनी के निगाहों में खो गया मुझे पता भी नहीं लगा तभी उसने मुझे प्यार से एक थप्पड़ जड दी । तभी मैं सपनों के दुनिया से बाहर आया उसकी मिठ्ठी आवाज मेरे कानों में पड़ी । वह आवाज लगा रही थी यश कुछ बोलोगे की बै...

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