संदेश

जनवरी 18, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

💔 रिश्ते: प्रेम, भय और आज की युवा सोच

चित्र
हाल ही में  एक राज्य में हुई  घटना और नीली ड्रम का प्रकरण पुरुषों के बीच शादी को लेकर एक गहरा डर और असुरक्षा का भाव उत्पन्न कर रहा है। इसने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है कि — क्या हम सच में अपनी युवा पीढ़ी को नहीं समझ पा रहे हैं, या समझ कर भी अनदेखा कर रहे हैं? हम आज भी उस पुरानी रुढ़िवादी सोच को अपने दिमाग से निकाल नहीं पाए हैं। सिर्फ समाज में अपनी खोखली छवि बनाए रखने के लिए हम वास्तविकता से आंखें मूंद लेते हैं। अगर हम मानते हैं कि युवा पीढ़ी को प्रेम और रिश्तों की समझ नहीं है, तो क्या यह हमारी जिम्मेदारी नहीं बनती कि हम उन्हें समझाएँ? "प्रेम त्याग और समर्पण है। यदि तुममें यह भावना है, तो प्रेम करो। यदि नहीं है, तो जिससे प्रेम करते हो, उसी से विवाह  करो।" अब यहाँ एक और बात समझने की है — क्या तुम कानूनी रूप से 18 और 21 वर्ष के हो? क्या तुम्हें सही और गलत की समझ है? क्या तुम जीवन को तार्किक रूप से समझने लगे हो? यदि हाँ, तो भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 तुम्हें यह मौलिक अधिकार देता है कि तुम अपनी पसंद से शादी कर सको। यदि कोई इसमें बाधा डालता है, तो तुम प्रशासन से अपनी सुरक...

जिंदगी अपना - अपना

चित्र
निदा फाजली की ये पंक्तियाँ हमारी जिंदगी पर सटीक वैठती हैं -        " धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो        ज़िन्दगी क्या है किताबों को हटा कर देखो "  राष्ट्रीय प्राणी उद्यान : दिल्ली , भारत ( National Zoological Park :  New Delhi ,  India )  हम अपने जीवन में जितना घर से  बाहर निकलकर कुछ सीखते हैं शायद उतना किताबों में रात - दिन लगे रहने से नहीं। " इस दुनिया में नैतिकता के बिना मनुष्य एक जंगली जानवर के समान हैं "         फ्रांसीसी लेखक ' अल्बर्ट कैमस ' का यह कथन मानवीय समाज में नैतिकता के महत्व को  दर्शाता हैं। हम अपनी जिंदगी मे सफलता पाने की होड़ में रात - दिन मेहनत करते और उस सफलता को प्राप्त भी कर लेते हैं लेकिन हम अपनी नैतिकता को भूल जाते है फिर उस शिक्षा का क्या फायदा कि हम अपने मूल्यों को सीख नहीं पाए। आए दिन समाचारों या दोस्तों से सुनने को मिलता है कि उसने सो साइड कर लिया। अब यहाँ समझने कि बात यह है कि क्या सो साइड करना ही समस्या का समाधान ह...

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भारत में अधिकतर कृषकों के लिए कृषि जीवन - निर्वाह का एक सक्षम स्त्रोत नहीं रही हैं । क्यों ?

डिजिटल गर्ल फ्रेंड( Digital Girlfriend )

शिक्षा का राजनीतिकरण (Politicization Of Education)

किसानों के बिना न्यू इंडिया का सपना अधूरा है ।