संदेश

अक्तूबर 23, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हरिद्वार : देवभूमि उत्तराखंड

चित्र
हरिद्वार: हरि का द्वार अर्थात् भगवान का द्वार !   दोस्तों मेरा ये सफर हरिद्वार का था फिर आगे ऋषिकेश का ।  इस कड़ी में आप को हरिद्वार से रूबरू करवाते हैं। आप का कीमती  समय बर्बाद ना करते हुए चलिए सफर की शुरुआत आप के शहर से  करते हैं।       आप जिस भी शहर से आते हो यहाॅ आने के लिए सीधा या अल्टरनेट रुप से रेल की सुविधा है की नहीं ये देख लें। यदि  आप हवाई सफर का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो फिर दिल्ली या  देहरादून आ सकते हैं और फिर वहां से यहां आ सकते हैं। यहां आने  के बाद आपको रहने के लिए कम बजट में आश्रम मिल जायेगा  जिसमें आपको एक कमरा उपलब्ध कराया जाएगा। ज्यादा बजट  में होटल की भी सुविधा है । आप अपने बजट के अनुसार ठहर  सकते हैं। ऑनलाइन गूगल मैप से भी अपने नजदीकी आश्रम और  होटल वालों से संपर्क कर सकते हैं।         यहां आने के बाद आपको यहां के प्रसिद्ध स्थल हर की पौड़ी आना होगा। यहां आने के लिए आपको रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड दोनों  जगह से आटो की सुविधा मिल जायेगा। आप यहां  • गंगा स्नान कर सकते हैं।  • सायंकाल गंगा आरती देख सकते हैं। नोट : गंगा घाट स्थल को साफ रखने की जिम्मेदारी पर्यटक की  भी

काली रात की एहसास ( भाग - 2 )

जब मैं उस पहाड़ी पर पहुंचा तो फिर एकाग्रता से उसके आहट को सुनने लगा तभी अचानक । मुझे एहसास हुआ की कोई मुझसे लिपट रहा हैं जब मैने पीछे मुड़कर देखा कोई नहीं हैं मैं डर गया । मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था इतनी रात को इस पहाड़ी पर आखिर एक लड़की की आवाज क्यों आ रही हैं और मुझे क्यों आवाज दे रही हैं जबकि मैं कभी यहाँ आया तक नहीं कि शायद मेरा रहम हैं मैं बहुत उलझन में था और बहुत डर गया , इतना डर गया था कि डर के मारे बेहोश हो गया । अगले दिन जब आँख खुली तो सामने अपने दोस्तों को देखा ।            शायद मुझे ढूँढते हुए मेरे दोस्त पहाड़ी पर आ गये थे । उन्हें भी कुछ समझ मे नहीं आ रहा था कि मैं यहाँ क्या करने आया था खैर हमने अपने रूम पर आया मुझे अकेला आराम करने के लिए छोड़ दोस्त अपने रुम मे चले गये । कुछ देर के बाद जब मेरी आँखें खुली तो दोस्तों ने मुझसे उस रात की राज जानने की कोशिश की मैंने उन्हें सब सच्च - सच्च बता दिया लेकिन उन्हें यकीन नहीं हो रहा था । सब बोलने लगें क्या बकवास करते हो यार कहीं ऐसा होता हैं , सब बकवास हैं तुम बिना मतलब इतने डर रहे हो सब कहानियों और फिल्मों मे होता हैं लेकिन मुझे इतना व

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भारत में अधिकतर कृषकों के लिए कृषि जीवन - निर्वाह का एक सक्षम स्त्रोत नहीं रही हैं । क्यों ?

डिजिटल गर्ल फ्रेंड( Digital Girlfriend )

शिक्षा का राजनीतिकरण (Politicization Of Education)

किसानों के बिना न्यू इंडिया का सपना अधूरा है ।