💔 रिश्ते: प्रेम, भय और आज की युवा सोच

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हाल ही में  एक राज्य में हुई  घटना और नीली ड्रम का प्रकरण पुरुषों के बीच शादी को लेकर एक गहरा डर और असुरक्षा का भाव उत्पन्न कर रहा है। इसने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है कि — क्या हम सच में अपनी युवा पीढ़ी को नहीं समझ पा रहे हैं, या समझ कर भी अनदेखा कर रहे हैं? हम आज भी उस पुरानी रुढ़िवादी सोच को अपने दिमाग से निकाल नहीं पाए हैं। सिर्फ समाज में अपनी खोखली छवि बनाए रखने के लिए हम वास्तविकता से आंखें मूंद लेते हैं। अगर हम मानते हैं कि युवा पीढ़ी को प्रेम और रिश्तों की समझ नहीं है, तो क्या यह हमारी जिम्मेदारी नहीं बनती कि हम उन्हें समझाएँ? "प्रेम त्याग और समर्पण है। यदि तुममें यह भावना है, तो प्रेम करो। यदि नहीं है, तो जिससे प्रेम करते हो, उसी से विवाह  करो।" अब यहाँ एक और बात समझने की है — क्या तुम कानूनी रूप से 18 और 21 वर्ष के हो? क्या तुम्हें सही और गलत की समझ है? क्या तुम जीवन को तार्किक रूप से समझने लगे हो? यदि हाँ, तो भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 तुम्हें यह मौलिक अधिकार देता है कि तुम अपनी पसंद से शादी कर सको। यदि कोई इसमें बाधा डालता है, तो तुम प्रशासन से अपनी सुरक...

अलविदा 2017 और स्वागत 2018

2017 को भुल नहीं पायेंगे क्योंकि यह साल दुःख और खुशी दोनों से भरा था लेकिन खुशी ज्यादा और दुख कम फिर भी जिंदगी में दुख नहीं हो तो खुशी का मजा कहाँ । सुख और दुख यह जिंदगी के दो पहलू हैं । यह हमें जिंदगी जिना सिखाता हैं और हमें जितना सिखाता हैं ।

             यह साल हमें एक नया आयाम और नई सोच दे गया । इसके लिए मैं इसका अभारी हूँ । यह हमें आनेवाले 2018 के लिए एक नई जोश और उमंग देकर जा रहा हैं ।



          यह साल हमारे लिए खास इसलिए रहा की इस साल सितम्बर माह में हमने अपने ब्लॉग की शुरूआत की जो आप सभी के बीच हैं ।

   हमने तीन - चार कहानियाँ लिखी जिसमें से एक कहानी ' डिजिटल गर्लफेंड ' प्रतिलिपि में प्रकाशित हुई जो खास लोकप्रिय रही क्योंकि एक माह में 4000 + से भी ज्यादा पाठकों द्वारा पढ़ा गया और टाँप टेन कहानियों में सेलेक्ट हुई । आप यदि इस कहानी को पढ़ना चाहते हैं तो हमारे ब्लॉग , प्रतिलिपि या Google में खोज सकते है । 

           यह साल आनेवाले 2018 साल के स्वागत के लिए हमें जोश और साहस देकर जा रहा कि आनेवाले साल में दुख और सुख का सामना डट कर करना हैं ।

                           – अमलेश 


धन्यवाद

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