हरिद्वार : देवभूमि उत्तराखंड

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हरिद्वार: हरि का द्वार अर्थात् भगवान का द्वार !   दोस्तों मेरा ये सफर हरिद्वार का था फिर आगे ऋषिकेश का ।  इस कड़ी में आप को हरिद्वार से रूबरू करवाते हैं। आप का कीमती  समय बर्बाद ना करते हुए चलिए सफर की शुरुआत आप के शहर से  करते हैं।       आप जिस भी शहर से आते हो यहाॅ आने के लिए सीधा या अल्टरनेट रुप से रेल की सुविधा है की नहीं ये देख लें। यदि  आप हवाई सफर का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो फिर दिल्ली या  देहरादून आ सकते हैं और फिर वहां से यहां आ सकते हैं। यहां आने  के बाद आपको रहने के लिए कम बजट में आश्रम मिल जायेगा  जिसमें आपको एक कमरा उपलब्ध कराया जाएगा। ज्यादा बजट  में होटल की भी सुविधा है । आप अपने बजट के अनुसार ठहर  सकते हैं। ऑनलाइन गूगल मैप से भी अपने नजदीकी आश्रम और  होटल वालों से संपर्क कर सकते हैं।         यहां आने के बाद आपको यहां के प्रसिद्ध स्थल हर की पौड़ी आना होगा। यहां आने के लिए आपको रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड दोनों  जगह से आटो की सुविधा मिल जायेगा। आप यहां  • गंगा स्नान कर सकते हैं।  • सायंकाल गंगा आरती देख सकते हैं। नोट : गंगा घाट स्थल को साफ रखने की जिम्मेदारी पर्यटक की  भी

चलो कुछ नया सोचे

क्यों हम चाहकर भी कुछ अलग नहीं कर पाते हैं । जिंदगी तो सब जीते हैं लेकिन असली मजा तो कुछ अलग करने में है । हम युवा बचपन से बने - बनाये System को Follow करते हैं । यदि हम कुछ अलग करना चाहे तो समाज Accept नहीं करता हैं । जो इस System को छोड़ अपना अलग रास्ता चुनता हैं । वहीं कुछ अलग करता हैं ।
       अधिकतर युवा तो आज दिशा से भटक गये हैं   हम अपने जिंदगी मे यदि सही इंसान बन गये तो समझ लिजीए बहुत कुछ सिख गये । यदि हम सही इंसान नहीं हैं तो लाख डिग्री ले ले या पढ़ाई कर ले किसी काम की नहीं हैं ।
            आज भी अधिकतर युवा के पास कोई सपने नहीं हैं । बचपन से दूसरों के नक्शे कदम पर चलते हैं । हम में अच्छे और गलत परखने की क्षमता नहीं हैं । यदि हमारे पास सपने नहीं हैं तो फिर हम कुछ अलग नहीं कर पाते हैं ।  इस दुनिया में हर कोई जन्म लेता हैं और मर जाता हैं लेकिन याद उसी को किया जाता हैं जो कुछ अच्छा करके मरता हैं अपने जिंदगी मे कुछ अलग करता हैं जिससे समाज को फायदा होता हैं ।
   हम कुछ अलग करने के बारे में सोचते नहीं हैं क्योंकि हमने  दुनिया को कभी गौर से देखा नहीं । हमारे आस - पास आज भी कितनी दिक्कतें हैं जिससे हमें और आस - पास के लोगों को इन दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं । हमें दुनिया कई घटनाओं से रूबरू कराती हैं लेकिन हम उस पर ध्यान नहीं देते हैं । वहीं जो ध्यान देता हैं उसे कुछ अलग करने का मकसद मिल जाता हैं और फिर अपने सपने में जीने लगता हैं और अपने गोल पर फोकस करता हैं और दुनिया को लगता हैं वह पागल हो गया हैं लेकिन कभी - कभी अच्छे काम के लिए पागलपन जरूरी हैं । 
अब वह आम नहीं रहता हैं आम से खास हो जाता हैं ।  उसे पूरा करने के लिए हम कड़ी बाधाओं को पार करने के बाद हम अपने सपनों की नींव धरातल पर रखते हैं ।  अब हमें यहाँ कुछ अलग जिंदगी दिखती हैं लाख दिक्कतें आये और असफल होने के बाद भी डटकर खड़े रहते हैं और सब मुसीबतों को पार कर के एक नया मिसाल कायम करते हैं और सफल होते हैं तब जाकर कहते हैं कि हाँ , हमने कुछ अलग किया और दिल से किया । हमने जो कुछ किया समाज और दुनिया के लिए किया जिससे मेरा भी भला हुआ ।

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